December 22, 2024
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12वीं पासिंग आउट कैडेट्स के विदाई समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने किया प्रतिभाग।

सैनिक स्कूल घोड़ाखाल, नैनीताल के 12वीं पासिंग आउट कैडेट्स के विदाई समारोह में प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। सैनिक स्कूल पहुंचने पर स्कूल के छात्र छात्राओं ने स्कूल बैण्ड से स्वागत गीत प्रस्तुत कर स्वागत किया गया। स्वागत संगीत की शानदार प्रस्तुति से प्रसन्न होकर राज्यपाल ने उन्हें पुरुस्कृत किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, देशभक्ति गीतों के साथ ही कन्या भ्रूण हत्या कानूनन अपराध और सैन्य क्षेत्रों में कन्याओं के बढ़ते वर्चस्व के महत्व को नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया। आज प्रत्येक क्षेत्र में कन्याओं की भागीदारी निश्चित ही बढ़ रही है, जो देश के विकास में अहम भूमिका निभा रही है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि शिव के गीत पर किए गए नृत्य से अद्भुत अनुभूति प्राप्त हुई।

राज्यपाल द्वारा सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में 12वीं पास आउट कैडेट्स के विदाई समारोह में 10 प्रतिभाशाली कैडेट्स को सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने कहा कि इन 10 कैडेट्स की सफलता से सैनिक स्कूल घोड़ाखाल को 10वीं बार रक्षा मंत्री की ट्रॉफी मिली है। जो स्कूल और हम सभी के लिए गर्व की बात है।राज्यपाल ने  कहा आज सैनिक स्कूल में अध्ययनरत हमारी 43 बेटियों को देखकर, उनसे बात करके और उनसे मिलकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। हमारे राष्ट्र की बेटियां जिस प्रकार से सैनिक स्कूल को ज्वाइन कर रही हैं और राष्ट्रीय रक्षा और उसकी सेवा के लिए जिस प्रकार से कार्य कर रही हैं, वह अपने आप में गर्व की बात है। मैं राष्ट्र की प्रत्येक बेटी से कहूंगा कि आप सैनिक स्कूल, नेशनल डिफेंस अकादमी और बाकी जो भी आर्म्स फोर्सज में आने के रास्ते हैं, उनके जरिए आप राष्ट्रीय सेवा से जुड़े।

उन्होंने कहा आज हमारी होनहार बेटियां जीवन के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करते हुए हमारे बेटों के साथ कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ते हुए देश का नाम रोशन कर रही है, निश्चित तौर पर सेना की यह नई परम्परा बालिकाओं के व्यक्तित्व को नए आयाम देने वाली होगी राज्यपाल ने कहा की सैनिक स्कूल घोड़ाखाल ने एनडीए में सबसे ज्यादा स्टूडेंट भेजने का कीर्तिमान बनाया है। सैनिक स्कूल घोड़ाखाल का अतीत बहुत ही गौरवशाली रहा है। यह सबसे प्रतिष्ठित सैनिक स्कूल है, जिसने सैन्य शिक्षा के केंद्र के नाते अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के अनुशासन और ट्रेनिंग की सराहना की।

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