March 10, 2025
नैनीताल

भूमि संरक्षण महकमे से स्वीकृत तारबाड़ न लगाए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश के स्वर मुखर।

हल्दूचौड़।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के जंगल से सटे ग्राम हरिपुर भानदेव के किसानों ने हाड़तोड़ मेहनत के चलते खेतों में लहलहा रही गेहूं और लाही की फसल पर भूमि संरक्षण महकमे की लापरवाही के चलते संकट के बादल मंडरा रहे हैं। किसान इस बार भी उम्मीद थी कि अच्छी पैदावार मिली तो उनकी बद्तरआर्थिक स्थिति कुछ हद तक कम हो जाएगी किंतु वर्तमान में किसानों के लिए आवारा मवेशी आफत बनकर फसल पर मंडरा रहे हैं। झुंड में एक साथ दर्जनों की संख्या में चलने वाले आवारा पशु जिस खेत में घुस जाते हैं, उस खेत में खड़ी फसल चरकर नष्ट कर देते हैं। मजबूरन ग्रामीण इलाकों में किसान अपनी-अपनी फसल बचाने के लिए दिन रात खेतों पर रतजगा करने को मजबूर हैं। बदकिस्मती यह है कि किसानों की इस गहन समस्या का हल शासन व प्रशासन के आला अधिकारियाें के पास नहीं है। जंगल की सरहद से सटे उक्त गांव के बेहाल किसान सिवाय अपना दर्द बताने के दूसरा काम नहीं कर रहा है। हालत ये है कि अब किसानों ने अपना घरबार छोड़ दिया है। फसल की रखवाली खेतों पर सोकर कर रहे हैं ताकि गेहूंऔर लाही की फसल बच जाए।
कभी प्राकृतिक आपदा तो मानवीय आपदा ओर कभी जंगली हाथियों के आतंक के चलते किसानों को खेती में हर साल घाटा सहन करना पड़ रहा है। किसानों ने पूर्व में आवारा पशुओं की रोकथाम हेतु भूमि संरक्षण विभाग से तारबाड़ लगाए जाने की मांग की थी जिसका महकमे द्वारा सर्वे करने के उपरांत कागजों में तारबाड़ की स्वीकृति तो कर दी गई है किंतु तारबाड़ धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले पाई है। शुक्रवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने क्षेत्र भ्रमण पर पहुंची भूमि संरक्षण अधिकारी पूजा पुनेठा से मुलाकात कर अविलंब स्वीकृत तारबाड़ न लगाए जाने की स्थिति में भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय का घेराव करने के साथ ही आंदोलन करने की बात कही है।
ग्रामीणों ने बताया गांव में दर्जनों आवारा गौ वंश घूम रहा है बावजूद आवारा पशुओं को संरक्षण देने के लिए सरकार ने कोई प्लान तैयार नहीं किया है।
ग्रामीणों की इस गंभीर समस्या का संज्ञान लेने के बाद भूमि संरक्षण अधिकारी ने ग्रामीणों को जल्द गांव का दौरा कर स्वीकृत तारबाड़ लगाए जाने का भरोसा दिया है।
भूमि संरक्षण अधिकारी से मिलने वालों में मुख्य रूप से समाजसेवी मोहित बमेटा हेम सनवाल मुकेश गरवाल दिनेश बमेटा पूरन बमेटा पूरन तिवारी प्रमोद बमेटा समेत आदि ग्रामीण शामिल थे।

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